सोमवार, 19 नवंबर 2012

ठाकरे के खिलाफ बोलना कानूनन जुर्म

 शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे की मौत के बाद मुंबई बंद को लेकर फेसबुक पर कॉमेंट करना एक लड़की को महंगा पड़ा है। पुलिस ने इस 21 वर्षीय लड़की को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने लड़की पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और इनफॉर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट के सेक्शन 64 (a) के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा उस लड़की को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसने इस कॉमेंट को लाइक किया था। हालांकि दोनों लड़कियों को बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।
पुलिस इन्सपेक्टर उत्तम सोनवने ने बताया कि 21 वर्षीय इस लड़की ने मुंबई के बंद पर सवाल उठाते हुए अपने कॉमेंट में लिखा था, 'ठाकरे जैसे लोग रोज़ पैदा होते और मरते हैं। इस वजह से मुंबई बंद करने की क्या ज़रूरत है?'
हालांकि लड़की ने अपना कॉमेंट हटा कर माफी भी मांग ली थी और पुलिस ने उनका फेसबुक अकाउंट भी बंद करवा दिया था, फिर भी रविवार की रात करीब 2000 शिव सैनिकों के ठाणे के पालघर स्थित लड़की के चाचा के क्लिनिक में जमकर तोड़फोड़ की थी।
लड़कियों की गिरफ्तारी का प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्केंडेय काटजू ने तीखा विरोध करते हुए मांग की है कि इसके लिए जिम्मेदार पुलिस ऑफिसरों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
जस्टिस काटजू ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भेजे ई मेल में कहा है कि संविधान की धारा 19 (1) (ए) में नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति का अधिकार मौलिक अधिकार के रूप में प्रदान किया गया है। ऐसे में मुंबई बंद का विरोध किए जाने पर किसी को धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लेना बिल्कुल गलत है।

साभार:नवभारत टाइम्स 

2 टिप्‍पणियां:

  1. सवाल ये है कि शिव सेना के जिन गुंडों ने लड़की के चाचा के क्लीनिक पर तोड़ फोड़ की है उन पर कार्रावाई होगी ....नहीं उन पर कोई कार्रावाई नहीं होगी क्योंकि उनके पूर्वजों पर कोई कार्रावाई नहीं हुई तो इन पर क्यों होगी साली अंधी व्यवस्था और इल अंधे कानून से तो मैं ऊब गया हूं

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