शुक्रवार, 24 जून 2011

कांग्रेस का बेनकाब चेहरा....


आज देश में मुसलमानों की कमज़ोर स्थिति और पिछडेपन का कोई ज़िम्मेदार है तो वो है कांग्रेस, कांग्रेस ने मुसलमानों को अपना बताकर उनकी पीठ में छुरा मारा है और ये सिलसिला अब तक जारी है आजादी के बाद मुसलमानों ने अपने रहनुमा के तौर पर कांग्रेस को चुना और कांग्रेस ने तब से आज तक RSS जैसे देशविरोधियो के साथ मिल कर मुसलमानों का आर्थिक और सामाजिक दमन करती आ रही है हिंदुस्तान की निजामत चालानेवाले मुस्लमान आज भूखे हैं और दो रोटी की तलाश में जुटे हुए है और रोटी की ये तलाश मुसलमानों को सियासी हैसियत से दूर ले जा चुकी है इन सभी की ज़िम्मेदार मुसलमानों से दिली नफरत और उपरी प्यार का दिखावा करने वाली कांग्रेस है,
राजीव गांधी ने मुसलमानों को खुश करनी की कोशिश की और राजीव गांधी के मुसलमानों को खुश करने के इस प्रयास से RSS के देशविरोधी हिन्दू नाराज़ हो गये और फिर राजनीति चाल चलते हुए राजीव गांधी ने नाराज हिंदू वोटरों को रिझाने के लिए अयोध्या के विवादित परिसर में शिलान्यास करा दिया और हिंदुत्व के कट्टर चेहरे के आगे सर झुका दिया गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद के ताले खोलने और भगवान राम को मुक्त कराने और एक भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने एक अभियान छेड़ रखा था. केंद्र और राज्य सरकारों के दबाव में (दोनों जगह कांग्रेस सत्ता में थी) फैजाबाद डिस्ट्रिक्ट जज ने एक फरवरी 1986 को विवादित परिसर में पूजा करने की अनुमति दे दी. प्रधानमंत्री के सलाहकारों ने हिंदू वोट खींचने की गरज से यह सलाह दी थी. और इस देशविरोधी और राजनीति से प्रेरित फैसले ने देश को नफरत की आंधी में झोक दिया जिसका नुकसान आज देश उठा रहा है और इसी गलती की वजह से भाजपा जैसी नफरत सिखाने वाली देशविरोधी पार्टी का उदय हुआ जिसने देश को बाटने की भरसक कोशिश की और हिन्दू और मुसलमानों के बीच नफरत की ऊँची दीवार खीचने के लिए देशद्रोही अडवानी ने रथ यात्रा निकाल कर देश को हिंसा में झोक दिया और नफरत के इसी रथ पर चढ़ कर भाजपा को सत्ता मिली कांग्रेस की गलती ने देश को अशांति में धकेल दिया और आज तक देशविरोधी ताकते हिन्दू मुसलमानों को बाटने का काम कर रही है.



देश के हिन्दू और मुसलमानों के बिच आज भाजपा अपने राजनितिक लाभ के लिए जो नफरत और हिंसा फैला रही हे उसकी ज़िम्मेदार कांग्रेस है 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ और देश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा और हिन्दू मुसलमानों के बिच न ख़तम होने वाली खायी बन गयी इस नफरत की असली ज़िम्मेदार कांग्रेस ही है जिसने हिन्दुओ को लुभाने के लिए एक धार्मिक मुद्दे को जन्म देकर राष्ट्विरोधी भाजपा का जन्म करवाया.

अंततः कांग्रेस के लिए यह सबसे बड़ी भूल साबित हुई.

अगर हम हाल की बड़ी राजनीतिक भूलों का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि कांग्रेस ने ही कुछ ऐसे अपरिपक्व फैसले लिए हैं जो आगे चलकर देश के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हुए. भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए कंधार और कारगिल भयानक भूलें साबित हुईं जिससे देश को काफी नुकसान हुआ. अपने राजनितिक हित के लिए इन राजनीतक पार्टियों ने देश को जो नुकसान पहुचाया उसकी भरपाई करना मुमकिन नही है और आजादी के ६३ साल में जो कुछ मुसलमानों ने खोया उसकी पूर्ति हो ही नही सकती कांग्रेस ने आज तक मुसलमानों को अपना राजनितिक मोहरा बना रखा है और इसका बहाना बनाने के लिए उसके पास भाजपा जेसी कट्टर राजनितिक पार्टी है जिसका खौफ दिखाकर हमेशा कांग्रेस मुस्लिम वोटो को अपनी झोली में डाल लेती हे लेकिन अगर कांग्रेस बाबरी मस्जिद मुद्दे जो की मिलकियत का मुद्दा था राजनितिक न बनाती तो भाजपा का जन्म न होता और देश सम्पर्दयिकता से बहार निकल कर विकास के रास्ते पर चलता और देश हमेशा अमन की देवी बना रहता..
काश ये गलतियाँ कांग्रेस सुधारने की कोशिश करती........

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