
6 दिसम्बर 1992 को देश विरोधी ताकते हमारे देश की एकता और भाईचारे को धाराशाई करने में सफल हुयी अपनी राजनीतिक हेसियत बनाने और देश को फिर ग़ुलाम बनाने का सपना दिल में रखने वाली सम्परदयिक देश विरोधी ताक़तों ने अदालत मे विचाराधीन मामले में सविधान को अपमानित करते हुए बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया और देशवासी हम पिछली गलतियों से कुछ न सीख सके कांग्रेस और मुस्लिम लीग के नेताओ में आज़ाद भारत पर अपना परचम लहराने के लिए संघर्ष छिड़ गया और कुर्सी का ये संघर्ष सम्पर्दायिक दंगो के रूप में राष्ट एकता को जख्मी करता चला गया असल में ब्रिटिश को भारत के मेहनती और जुझारू नोजवानो से डर था कि कही वो अपनी मेहनत से उन्नति करके ब्रिटिश से ज्यादा शक्तिशाली और उन्नत न हो जाये इस लिए ब्रिटिश जाते जाते देश को नफरत करना सिखा गये और अंग्रेजी निति के जाल में फसे हुए जिन्ना, नेहरु और पटेल के हठ के आगे राष्ट एकता को घुटने टेकने पड़े और देश दो टुकडो में बाट दिया गया जिसका सबसे ज्यादा नुकसान हम भारतीय मुसलमानों को हुआ जो आज साफ़ तोर पर देखा जा सकता हे और फिर सरकारों कि असफलता और निजी सवार्थ के चलते देश 4 हिस्सों में विभाजित हो गया और शुरू से ही अपने अस्तिव के लिए संघर्ष कर रही देश विरोधी ताकतों ने खुद को ब्रिटिश निति पर ढालते हुए बाटों और राज करो कि निति को अपनाते हुए हिन्दू और मुस्लिम को अलग करते हुए बाबरी मस्जिद कि जगह मंदिर बनाने का आवाहन करते हुए नफरत के बीज बो दिए और सिन्धी लाल क्रिशन अडवानी ने रथ यात्रा निकल कर भारत को फिर 1947 के वर्षो में भेज दिया जब धर्म के नाम पर देशवासियों की भावनाओ से खेला गया था इसी तरह इन खुद को हिन्दू कहने वाले देशद्रोहियों ने जगह के
मालिकाना हक के मसले को धार्मिक मसला बना दिया और सिर्फ २ सीटे जीतने वाली बीजेपी 88 सीटो पर जीत गयी देश को नफरत में झोक कर खड़ी होने वाली बीजेपी को और साहस हुआ और उसने भारत के नादाँ लोगो क
े दिलो में नफरत की आग जलाते हुए 6 दिसम्बर को सविधान और राष्ट को अपमानित करते हुए बाबरी मस्जिद को शहीद करवा दिया और इसके बाद इस मसले को दोनों समुदाय की आन का सवाल बनवा दिया ताकि लम्बे वक़्त तक उसकी राजनितिक रोटिया सिकती रहे और इसी मुद्दे के दम पर बीजेपी को सत्ता मिली लेकिन सत्ता मिलते ही बीजेपी ने मंदिर मुद्दे के को भुला दिया लेकिन जनता अब तक असलियत समझ चुकी थी लेकिन इन देशद्रोहियों ने हिन्दू कार्ड को आगे चलते हुए 2002 में गुजरात में योजनाबंद नरसंहार करवाया गया और एक साल में देश को हिन्दू राष्ट बनाने का ऐलान कर दिया गया जबकि सत्य तो ये था कि देश तो हिन्दू राष्ट ही हे क्योकि हिन्दू किसी धर्म का नही देश क़ी संसकिरती का नाम हे लेकिन ये देश विरोधी लोग सनातन या वैदिक धर्म के सन्देश से लोगो को हटा कर ऐसी जगह लगाये जहाँ सनातन या वैदिक धर्म का कोई लेना देना नही हे
राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार महंत ज्ञानदास का 3 दिसम्बर 2010 को अयोध्या में प्रेस कांफ्रेंस में दिया गया ब्यान ...
विशव हिन्दू परिषद् ठगों का जमावड़ा हे वे किसी भी कीमत पर राम मंदिर निर्माण नही होने देना चाहते विशव हिन्दू परिषद का ध्यान दंगे भड़काने और राजनीति क़ी तरफ हे..
सविधान और आस्था में से किसी एक को ही चुना जा सकता हे
Inqlaab zindabad
She is still waiting for her Father to return from Ayodhya, where he vanished on Dec 06, 1992....... :(
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