सोमवार, 15 अक्तूबर 2012

भाजपा क्यों चुप है ....?

करप्शन के आरोपों से घिरे केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद पर अरविंद केजरीवाल के एक के बाद एक जोरदार हमले जारी हैं। केजरीवाल आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं, लेकिन इन सब के बीच देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी चुप है। पार्टी का कोई भी सीनियर नेता खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है। मुख्य विपक्षी पार्टी की यह चुप्पी अब सवालों के घेरे में है। सोमवार को इस मामले में केजरीवाल ने भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी चुप है। बीजेपी को डर है कि उसके नेताओं के खिलाफ भी करप्शन के सबूत पेश किए जा सकते हैं। ऐसे में अगर हम कांग्रेसी नेताओं के मुद्दे पर चुप रहेंगे तो कांग्रेसी भी हमारे मुद्दे पर चुप रहेंगे। केजरीवाल ने इशारों ही इशारों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच 'सेटिंग' का आरोप लगा डाला।
सलमान खुर्शीद के मुद्दे पर पूरा देश आंदोलित है। हर कोई सचाई जानना चाहता है। टीम केजरीवाल ने एक के बाद एक कई हमले बोले हैं, लेकिन देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी चुप है। बीजेपी की इस चुप्पी ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं। इस चुप्पी पर कई लोग चुटकी भी ले रहे हैं।
चुप्पी बीजेपी की रणनीति का हिस्सा!
 सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने एक रणनीति के तहत ऐसा किया है। बीजेपी को डर है कि अरविंद केजरीवाल का अगला निशाना पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी हो सकते हैं। ऐसे में वह नहीं चाहती है कि किसी कांग्रेसी नेता खिलाफ पार्टी नेता आक्रामक अंदाज में बोलें। कहा जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मसले पर समझौता भी हो गया है। अरविंद केजरीवाल द्वारा एक दूसरे के नेताओं खिलाफ मुद्दा उठाने पर दोनों पार्टियां चुप्पी साध लेंगी।
हिंदी न्यूज चैनल आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद के जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में धांधली का खुलासा किया गया था। इसमें विकलांगों के नाम पर पैसों की बंदरबांट की बात सामने आई थी।
गौरतलब है कि बीजेपी के भी अधिकतर नेताओं के एनजीओ और ट्रस्ट हैं। सूत्रों की मानें तो इनके ट्रस्टों और एनजीओं में भी खूब घोटाले हुए हैं। इन्होंने भी सरकारी पैसों की बंदरबांट की है। कहीं इनके खिलाफ भी कोई सबूत पेश न कर दिया जाए, इसीलिए ये चुप हैं।


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