आज देश में मुसलमानों की हेसियत क्या है ये बात किसी से छुपी नही है कल तक देश पर हुकूमत करके समानता का सन्देश देने वाला मुस्लमान आज बहुत ही कमज़ोर, लाचार और इस मुस्लमान को सिर्फ आज अपने बच्चो के भूके पेट की फ़िक्र हे वो भूल चूका है की उसी ने देश को आजाद कराया था उसी ने अपने बच्चो के कटे सर देखे थे उसी को फिरंगियो ने उसके मुल्क से दूर जेल में डाला था ये वही मुसलमान है जिसने बटवारे के वक्त जिन्ना को नकार कर हिंद की मिटटी को अपनी आँखों से लगाया था लेकिन आज ये मुस्लमान एक गुलाम से जादा हेसियत नही रखता इसकी क़ुरबानी को भुला कर इसकी बेटियों को हेवानो की तरह अपनी हवास का शिकार बनाया जाता है दंगो षड्यंत्र के ज़रिये इसकी मिलकियत को जलाया जाता है सरकार ख़ामोशी से तमाशा देखती है इस ज़ुल्म सहते हुए बेबस मुस्लमान को आज देश में मुसलमानों की कमज़ोर हेसियत और पिछड़े पण का कोई ज़िम्मेदार हे तो सिर्फ कांग्रेस हे कांग्रेस ने मुसलमानों को अपना बताकर उनकी पीठ में चुरा मारा हे और ये सिलसिला अब तक जारी हे आजादी के बाद मुसलमानों ने अपने रहनुमा के तोर पर कांग्रेस को चुना और कांग्रेस जो तब से आज तक RSS जेसे देशविरोधियो के साथ मिल कर मुसलमानों का आर्थिक और सामाजिक दमन करती रही हे हिंदुस्तान की निजामत चलने वाले मुस्लमान आज बुखे हे और दो रोटी की तलाश में जुटे हुए हे और रोटी की ये तलाश मुसलमानों को सियासी हेसियत से दूर ले जा चुकी हे इस सभी की ज़िम्मेदार मुसलमानों से दिली नफरत और उपरी प्यार का दिखावा करने वाली कांग्रेस हे
राजीव गांधी ने मुसलमानों को खुश करनी की कोशिश की राजीव गांधी के मुसलमानों को खुश करने के इस प्रयास से RSS के देशविरोधी हिन्दू नाराज़ हो गये और फिर राजनीति चाल चलते हुए राजीव गांधी ने नाराज हिंदू वोटरों को रिझाने के लिए अयोध्या के विवादित परिसर में शिलान्यास करा दिया और हिंदुत्व के कट्टर चेहरे के आगे सर जुका दिया गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद के ताले खोलने और भगवान राम को मुक्त कराने और एक भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने एक अभियान छेड़ रखा था.
केंद्र और राज्य सरकारों के दबाव में (दोनों जगह कांग्रेस सत्ता में थी) फैजाबाद डिस्ट्रिक्ट जज ने एक फरवरी 1986 को विवादित परिसर में पूजा करने की अनुमति दे दी. प्रधानमंत्री के सलाहकारों ने हिंदू वोट खींचने की गरज से यह सलाह दी थी. और इस देशविरोधी और राजनीति से प्रेरित फैसले ने देश को नफरत की आंधी में झोक दिया जिसका नुकसान आज देश उठा रहा हे और इसी गलती की वजह से भाजपा जेसी नफरत सिखाने वाली देशविरोधी पार्टी का उदय हुआ जिसने देश को बाटने की भरसक कोशिश की और हिन्दू और मुसलमानों के bich नफरत की ऊँची दीवार खीचने के लिए देशद्रोहिं अडवानी ने रथ यात्रा निकाल कर देश को हिंसा में झोक दिया और नफरत के इसी रथ पर चढ़ कर भाजपा को सत्ता मिली कांग्रेस की गलती ने देश को अशांति में धकेल दिया और आज तक देशविरोधी ताकते हिन्दू मुसलमानों को बाटने का काम कर रही हे
देश के हिन्दू और मुसलमानों के बिच आज भाजपा अपने राजनितिक लाभ के लिए जो नफरत और हिंसा फैला रही हे उसकी ज़िम्मेदार कांग्रेस हे 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ और देश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा और हिन्दू मुसलमानों के बिच न ख़तम होने वाली खायी बन गयी इस नफरत की असली ज़िम्मेदार कांग्रेस ही हे जिसने हिन्दुओ को लुभाने के लिए एक धार्मिक मुद्दे को जन्म देकर राष्ट्विरोधी भाजपा का जन्म करवाया
अंततः कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी भूल साबित हुई.
अगर हम हाल की बड़ी राजनीतिक भूलों का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि कांग्रेस ने ही कुछ ऐसे अपरिपक्व फैसले लिए हैं जो आगे चलकर देश के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हुए.
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए कंधार और कारगिल भयानक भूलें साबित हुईं जिससे देश को काफी नुकसान हुआ
.अपने राजनितिक हित के लिए इन राजनीतक पार्टियों ने देश को जो नुकसान पहुचाया उसकी भरपाई करना मुमकिन नही हे और आजादी के ६३ साल में जो कुछ मुसलमानों ने खोया उसकी पूर्ति हो ही नही सकती कांग्रेस ने आज तक मुसलमानों को अपना राजनितिक मोहरा बना रखा हे और इसका बहाना बनाने के लिए उसके पास भाजपा जेसी कट्टर राजनितिक पार्टी हे जिसका खोफ दिखाकर हमेशा कांग्रेस मुस्लिम वोटो को भाजपा से dra कर अपनी झोली में दाल लेती हे लेकिन अगर कांग्रेस बाबरी मस्जिद मुद्दे जो की मिलकियत का मुद्दा था राजनितिक न बनती तो भाजपा का जन्म न होता और देश सम्पर्दयिकता से बहार निकल कर विकास के रास्ते पर चलता और देश हमेशा अमन की देवी बना रहता..
राजीव गांधी ने मुसलमानों को खुश करनी की कोशिश की राजीव गांधी के मुसलमानों को खुश करने के इस प्रयास से RSS के देशविरोधी हिन्दू नाराज़ हो गये और फिर राजनीति चाल चलते हुए राजीव गांधी ने नाराज हिंदू वोटरों को रिझाने के लिए अयोध्या के विवादित परिसर में शिलान्यास करा दिया और हिंदुत्व के कट्टर चेहरे के आगे सर जुका दिया गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद के ताले खोलने और भगवान राम को मुक्त कराने और एक भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने एक अभियान छेड़ रखा था.
केंद्र और राज्य सरकारों के दबाव में (दोनों जगह कांग्रेस सत्ता में थी) फैजाबाद डिस्ट्रिक्ट जज ने एक फरवरी 1986 को विवादित परिसर में पूजा करने की अनुमति दे दी. प्रधानमंत्री के सलाहकारों ने हिंदू वोट खींचने की गरज से यह सलाह दी थी. और इस देशविरोधी और राजनीति से प्रेरित फैसले ने देश को नफरत की आंधी में झोक दिया जिसका नुकसान आज देश उठा रहा हे और इसी गलती की वजह से भाजपा जेसी नफरत सिखाने वाली देशविरोधी पार्टी का उदय हुआ जिसने देश को बाटने की भरसक कोशिश की और हिन्दू और मुसलमानों के bich नफरत की ऊँची दीवार खीचने के लिए देशद्रोहिं अडवानी ने रथ यात्रा निकाल कर देश को हिंसा में झोक दिया और नफरत के इसी रथ पर चढ़ कर भाजपा को सत्ता मिली कांग्रेस की गलती ने देश को अशांति में धकेल दिया और आज तक देशविरोधी ताकते हिन्दू मुसलमानों को बाटने का काम कर रही हे
देश के हिन्दू और मुसलमानों के बिच आज भाजपा अपने राजनितिक लाभ के लिए जो नफरत और हिंसा फैला रही हे उसकी ज़िम्मेदार कांग्रेस हे 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ और देश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा और हिन्दू मुसलमानों के बिच न ख़तम होने वाली खायी बन गयी इस नफरत की असली ज़िम्मेदार कांग्रेस ही हे जिसने हिन्दुओ को लुभाने के लिए एक धार्मिक मुद्दे को जन्म देकर राष्ट्विरोधी भाजपा का जन्म करवाया
अंततः कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी भूल साबित हुई.
अगर हम हाल की बड़ी राजनीतिक भूलों का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि कांग्रेस ने ही कुछ ऐसे अपरिपक्व फैसले लिए हैं जो आगे चलकर देश के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हुए.
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए कंधार और कारगिल भयानक भूलें साबित हुईं जिससे देश को काफी नुकसान हुआ
.अपने राजनितिक हित के लिए इन राजनीतक पार्टियों ने देश को जो नुकसान पहुचाया उसकी भरपाई करना मुमकिन नही हे और आजादी के ६३ साल में जो कुछ मुसलमानों ने खोया उसकी पूर्ति हो ही नही सकती कांग्रेस ने आज तक मुसलमानों को अपना राजनितिक मोहरा बना रखा हे और इसका बहाना बनाने के लिए उसके पास भाजपा जेसी कट्टर राजनितिक पार्टी हे जिसका खोफ दिखाकर हमेशा कांग्रेस मुस्लिम वोटो को भाजपा से dra कर अपनी झोली में दाल लेती हे लेकिन अगर कांग्रेस बाबरी मस्जिद मुद्दे जो की मिलकियत का मुद्दा था राजनितिक न बनती तो भाजपा का जन्म न होता और देश सम्पर्दयिकता से बहार निकल कर विकास के रास्ते पर चलता और देश हमेशा अमन की देवी बना रहता..
abhi musalmano ko samajh me nahi aa raha hai jab khud ke gale talwar latke gi to ek dosre ko ilzam denge
जवाब देंहटाएं