भाजपा के मसीहा राष्ट्रवादी लाल कृष्ण
अडवानी की रथयात्रा के बाद देश भर में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो गया था देश के
अमन पसंद और भाईचारे से रहने वाले हिन्दू व मुस्लिम जो एक दूसरे को भाई मानते थे
और देश की धर्मनिरपेक्ष छवि की नीव थे इस भाईचारे को अपने राजनीतिक सुख और सत्ता
लोभ के चलते अंग्रेजी नीति बांटो और राज करो पर चलते हुए पाकिस्तान बनने का विरोध
करके भारत भूमि पर रुके अल्पसंख्यको के विरुद्ध नफरत का ज़हर घोला गया और एक आत्मा
व जिस्म की तरह रहने वाले दो भाइयो को जुदा करके इन दोनों को राजनीतिक वोट बैंक
बनाने के लिए सेकुलर और कट्टर पंथियों में बिसाते बिछ गयी हर कोई इन दोनों ही
समुदाय को बहकाकर वोट बैंक बनाने के लिए आतुर हो गया कोई किसी समुदाय को किसी
समुदाय से डरा कर उसे वोट बैंक बना रहा था तो कोई किसी समुदाय से सहानुभूति दिखा
कर उसे अपना वोट बैंक बनाने के प्रयास करने में लगा था इसी खीचतान या यूँ समझ
लीजिये आंतरिक समझोते के चलते देश के माहोल को ख़राब किया जाने लगा और 6 दिसम्बर 1992 को आतंकवादियों से सामूहिक हमला करवाकर राम
अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद को शहीद करवा कर देश भर में साम्प्रदायिकता का
नंगा नाच हुआ और जगह जगह अल्पसंख्यको का सामूहिक नरसंहार व महिलाओ के साथ सामूहिक
बलात्कार किया गया और इसी नफरत के सौदागरों ने मुंबई में भी वोटर लिस्ट के ज़रिये
तलाश कर करके अल्पसंख्यको का नरसंहार किया लेकिन मुंबई में इस नरसंहार जैसी क्रिया
पर प्रतिक्रिया हुयी अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के गुर्गो ने 12 मार्च 1993 को मुंबई शहर 13 सिलसिलेवार बम धमाके करके सारे देश को थर्रा दिया इन धमाको
में लगभग 250 से ज्यादा लोग मारे गए
मुंबई ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहीम, टाइगर मेमन व अन्य मुंबई धमाको से पहले ही मुंबई को छोड़ चुके थे टाइगर मेमन का छोटा भाई याकूब मेमन जो पेशे से सी० ए० था इस हमलो में हमलावरों के टिकेट करने और उनका एक छोटा बेग इधर से उधर पहुचाने का आरोपी था भी हमलो से पहले ही भारत से जा चुका था वह पाकिस्तान में था और भारत में रह रहे अपने चचेरे भाई जो पेशे से वकील था के सम्पर्क में था और नेपाल में कई बार अपने भाई से पाकिस्तानी पासपोर्ट पर मिलने आचुका था याकूब के चचेरे भाई खुफिया एजेंसी के सम्पर्क में थे और याकूब मेमन व मेमन परिवार को भारत वापस लाने के लिए प्रयास कर रहे थे और याकूब मेमन की भी भारत वापस आने की इच्छा थी इसके बाद की कहानी में दो विरोधाभास हैं खुफिया एजेंसी का कहना है कि याकूब को काठमांडू से गिरफ्तार करके लाया गया जबकि दुसरे पक्ष का कहना है कि याकूब मेमन और खुफिया एजेंसी में समझोता हुआ था जिसके अनुसार याकूब भारत वापस आकर टाइगर मेमन, दाऊद इब्राहीम व पाकिस्तान के खिलाफ सबूत देगा और इसके बदले खुफिया एजेंसी ने याकूब मेमन के खिलाफ नर्म रुख अपनाने का आश्वासन दिया गया था बरहाल दोनों में जो भी सत्य रहा हो याकूब मेमन को नेपाल से दिल्ली लाकर गिरफ्तार दिखा दिया गया अगर कानून जानकारों की माने तो याकूब मेमन जिन अपराधो में दोषी था अगर उनकी सुनवाई IPC के तहत की जाती तो याकूब मेमन का बच निकलना तय था लेकिन पोटा लगने के बाद सारा समीकरण बिगड़ गया खुफिया एजंसी व कानून के पेच में फंसे याकूब मेमन को उनके 53 वें जन्मदिवस पर नागपुर की सेन्ट्रल जेल में फांसी दे दी गयी
मुंबई ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहीम, टाइगर मेमन व अन्य मुंबई धमाको से पहले ही मुंबई को छोड़ चुके थे टाइगर मेमन का छोटा भाई याकूब मेमन जो पेशे से सी० ए० था इस हमलो में हमलावरों के टिकेट करने और उनका एक छोटा बेग इधर से उधर पहुचाने का आरोपी था भी हमलो से पहले ही भारत से जा चुका था वह पाकिस्तान में था और भारत में रह रहे अपने चचेरे भाई जो पेशे से वकील था के सम्पर्क में था और नेपाल में कई बार अपने भाई से पाकिस्तानी पासपोर्ट पर मिलने आचुका था याकूब के चचेरे भाई खुफिया एजेंसी के सम्पर्क में थे और याकूब मेमन व मेमन परिवार को भारत वापस लाने के लिए प्रयास कर रहे थे और याकूब मेमन की भी भारत वापस आने की इच्छा थी इसके बाद की कहानी में दो विरोधाभास हैं खुफिया एजेंसी का कहना है कि याकूब को काठमांडू से गिरफ्तार करके लाया गया जबकि दुसरे पक्ष का कहना है कि याकूब मेमन और खुफिया एजेंसी में समझोता हुआ था जिसके अनुसार याकूब भारत वापस आकर टाइगर मेमन, दाऊद इब्राहीम व पाकिस्तान के खिलाफ सबूत देगा और इसके बदले खुफिया एजेंसी ने याकूब मेमन के खिलाफ नर्म रुख अपनाने का आश्वासन दिया गया था बरहाल दोनों में जो भी सत्य रहा हो याकूब मेमन को नेपाल से दिल्ली लाकर गिरफ्तार दिखा दिया गया अगर कानून जानकारों की माने तो याकूब मेमन जिन अपराधो में दोषी था अगर उनकी सुनवाई IPC के तहत की जाती तो याकूब मेमन का बच निकलना तय था लेकिन पोटा लगने के बाद सारा समीकरण बिगड़ गया खुफिया एजंसी व कानून के पेच में फंसे याकूब मेमन को उनके 53 वें जन्मदिवस पर नागपुर की सेन्ट्रल जेल में फांसी दे दी गयी
फांसी का विरोध भी राजनीतिक व सामाजिक
संस्थाओ द्वारा बड़े पैमाने पर हुआ वैसे अगर फांसी न भी दी जाती तो पिछले 22 सालो
से जेल में बंद याकूब मेमन का कोई भला तो हो नहीं जाता जेल में रोज़ मरने की जगह
याकूब को एक ही बार मार दिया गया
हम आशा करते है कि देश में हुए बाकी आतंकवादी हल्मो के जिम्मेदारो को भी जल्द ही फांसी देकर इंसाफ के झंडे को बिना धार्मिक भेदभाव के ऊँचा रखा जायेगा
जय हिन्द
हम आशा करते है कि देश में हुए बाकी आतंकवादी हल्मो के जिम्मेदारो को भी जल्द ही फांसी देकर इंसाफ के झंडे को बिना धार्मिक भेदभाव के ऊँचा रखा जायेगा
जय हिन्द
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