फिरंगियों ने हिंदुस्तान पर क़ब्ज़ा हम मुस्लिमो से लिया इसलिए हम उनके सबसे बड़े दुश्मन थे और फिरंगियों को डर था की कही मुस्लिम हमे अपने देश से बहार ना करदे इसलिए उन्होंने मुसलमानों का दमन किया और देश में मज़हबी नफरत के बीज बो दिए और देश की एकता को तोड़ने के लिए उन्होंने हिन्दू मुस्लिमो को बाट दिया ताकि ये दोनों एक होकर उन्हें देश से बहार न कर सके और आपस में ही लड़ते रहे इस काम के लिए उन्होंने बकिम चाँद चटर्जी जेसे कुछ हिन्दुओ को ख़रीदा और मुसलमानों के खिलाफ कुछ हिन्दुओ को गुमराह करवा दिया फिर फिरंगियों ने बाबरी मस्जिद मुद्दे को जन्म दिलवा दिया और कुछ हिन्दुओ को वो बात बता दी जो थी ही नही अगर होती तो तुलसीदास जी को पहले पता होता और उनसे पहले लोगो को भी पता होता और वो लिखते भी और इसके बाद फिरंगियों ने सत्ता के लिए देश में नफरत के बीज बो दिए ....
उसके बाद नेहरु जिन्ना और पटेल ने सत्ता के लिए देश को मज़हबी हिंसा में झोक दिया और देश का बटवारा कर लिया जिसका सबसे जादा नुकसान मुसलमानों को हुआ उस वक़्त अराजकता का माहोल बना कर देश को नफरत के चूल्हे में झोक दिया गया क्योकि अगर मुसलमानों को बटते न तो उनका राजनितिक शोषण नही किया जा सकता था क्योकि वो मुस्लिम लीग के साथ भी जा सकते थे और फिर ना तो मुसलमानों कि अवाज़ को दबाया जा सकता था और ना मुसलमानों को सियासी मोहरा बनाया जा सकता था क्योकि मुसलमानों के पास उनकी रहनुमाई करने के लिए एक सियासी पार्टी मोजूद होती लेकिन कांग्रेस की चाले जिन्ना को भड़काने में कामयाब हुयी और जिन्ना ने अपने हट के आगे बेहिसाब लोगो को कटवा दिया लेकिन हिन्दुस्तान को अपनी माँ मानने वाले मुसलमानों ने जिन्ना का साथ ना दिया और कांग्रेस के साथ चले गये इस मिटटी में हमारा खून शामिल था हमने आजादी के लिए अपने खून को पानी की तरह बहाया था और इस तरह देश के टुकड़े ही मुसलमानों को कमज़ोर करने के लिए करवाए गए थे और फिर अपने मकसद में कामयाब होते हुए हिनुस्तान में मुसलमनो के रहनुमा कांग्रेस बन गयी और कांग्रेस ने हिंदुस्तान पर अपना परचम फेहरा दिया और लगभग ४ दशको तक कांग्रेस के शासन का दबदबा रहा..
फिर कांग्रेस की तानाशाही से परेशां मुसलमानों ने दूसरी पार्टियों की तरफ भी रुख किया लेकिन मुसलमानों की सियासी हेसियत इतनी कमज़ोर हो चुकी थी की वो एक फूटबाल की तरह हो गयी एक पार्टी से लात खाकर दुसरे के पास जाना मुसलमानों की मज़बूरी बन गयी और सभी पार्टियों मुसलमानों को अपने फायेदे के लिए अपने पैरो से घुमाती रही..
ये वही मुसलमान था जो कभी हिन्दुस्तान का बादशाह था
इसके बाद अडवानी ने रथ यात्रा निकाल कर पहले से ही टूट चुके और घुटनों के बल hath जोड़ कर बेठे मुसलमानों को दुश्मन करार देते हुए मुसलमानों के खिलाफ एकजुटता का आवाहन करते हुए सत्ता तक पहुचने के लिए शोर्टकट हासिल कर लिया कांगेरसी शासन के वक़्त में मुसलमानों का आर्थिक और सामाजिक दमन किया जा चूका था और सियासी पार्टियों के मोहताज मुस्लमान बाबरी मस्जिद की शहादत तक सब समझ गये लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मुसलामन हिंदुत्वा नाम के आतंक से बचने के लिए सियासी पार्टियों के पीछे दुबकने लगे और वोट बैंक बनते रहे जिसका दिल चाह कुछ मुसलमानों को ख़रीदा और मुसलमानों का रहनुमा साबित कर दिया फिर सभी लोग मलाई खाते रहे और जिस बीजेपी को मुस्लिम हारे हुआ देखना चाहते थे ये लोग उसी बीजेपी से हाथ मिलाते रहे...
मुस्लमान कटोरा लेकर सभी सियासी पार्टियों से अपने वजूद के लिए भीख मांगता रहा किसी ने इतना भी ना दिया जो कोम फिर कड़ी हो पाती गरीबी से बुख्मारी तक पहुची मुस्लिम कोम अपने बच्चो का पेट भरने के लिए रिक्शा चलाने, चाय बेचने, झुतन साफ़ करने लगी या फिर तलवे चाटने वाला गुलाम बन गयी..
और २००२ में गुजरात में जो कुछ मुसलमानों के साथ हुआ सारे देश ने देखा लेकिन मुसलमानों की हिफाज़त करने के लिए कोई नही आया मुसलमानों की लडकियों को नंगा करके नचाया गया सब देखते रहे नुसलमन लडकियों को हवस का शिकार उनके बाप और भाई की आँखों के सामने बनाया गया और जब लड़की मर गयी तो इन दरिंदो में से कुछ ने नंगे बदन पर चादर दाल दी और मुसलमानों का रहनुमा बन गया हमारा घर जलाया गया, हमे लूटा गया, बेआबरू हम हुए, बेघर हम हुए, यतीम हम बने, और इसके बाद क्या क्या हुआ सब जानते हैं लेकिन आँखे बंद किये हुए है..
1-जो कांग्रेस अपने सांसद अहसान जाफरी को ना बचा सकी वो तुम्हारी हिफाज़त क्या करेगी..??
2-वो मायावती जो दंगो के बाद मोदी का साथ देने गयी थी क्या वो तुम्हारी हो सकती हे..??
3-वो मुलायम सिंह जो चंद वोटो की खातिर बाबरी मस्जिद के गुनाहगार को अपने साथ ले आया क्या वो तुम्हारा रहनुमा हे..??
4-जवाब दो क्यों देश में गुलामो से बुरि ज़िन्दगी जी रहे हो..??
5-कब तक उस कांग्रेस को अपना रहनुमा समझोगे जो बीजेपी की तरह ही तुम्हारी दुशमन हे..??
6-कब तक अपनी इज्ज़त को बेचते रहोगे खुदा को क्या जवाब दोगे मैदाने हश्र में..????
7-2% की गिनती रखने वाले सीखो का पिरधानमंत्री हे आज और तुम लगभग १८% हो तुम क्यों नही बना सकते अपना पिरधानमंत्री..??
8-कांग्रेस का युवराज राहुल गांधी मंच पर खड़े होकर कहता हे की जब मुसलमानों में कोई इस काबिल हुआ तो वो भी पिरधानमंत्री बन जायेगा मैं पूछता सभी मुसलमानों से क्या २० करोर में कोई खुद को इस काबिल नही मानता जो देश चला सके..??
9-तुम जितने भी मुस्लमान मेरी बात सुन रहे हो सब खुद को इस काबिल मानते हो तो बोलते क्यों नही..??
10-अपना हक मांगते क्यों नही..??
11-एकजुट होकर आते क्यों नही..??
कब तक ऐसे शर्मसार होते रहोगे तुम लोग अब उठो और एक दुसरे का हाथ पकड़ कर इतनी बुलंद आवाज़ ने नारा दो ताकि अब तक मुसलमानों को मोहरा बनाने वालो के क़दमो की ज़मीन हिल जाये
हिन्दुस्तान के बादशाह हम थे हमने अपना खून देकर देश की हिफाज़त की हे छोटे छोटे टुकडो में बटे देश को हमने अखंड भारत बनाया था लेकिन आज हमे विदेशी कहा जाता हे देशद्रोही माना जाता हे और वो लोग जो आजादी की लडाई में फिरंगियों के साथी थे आज सबसे बड़े देशभक्त कहलाते हे हमारी क़ुरबानी को इतिहास से हटा कर कूड़े के ढेर पर फेक दिया हे हमारी देश के लिए दी गयी कुर्बानी को ऐसे ही जला दिया गया हे जेसे दंगो में हमे जिंदा जलाया जाता हे और अगर तुम अब भी न जागे तो तुम्हारे बच्चो को अमन का हिन्दुस्तान न मिल सकेगा............jay hind
inqlaab zindabad
उसके बाद नेहरु जिन्ना और पटेल ने सत्ता के लिए देश को मज़हबी हिंसा में झोक दिया और देश का बटवारा कर लिया जिसका सबसे जादा नुकसान मुसलमानों को हुआ उस वक़्त अराजकता का माहोल बना कर देश को नफरत के चूल्हे में झोक दिया गया क्योकि अगर मुसलमानों को बटते न तो उनका राजनितिक शोषण नही किया जा सकता था क्योकि वो मुस्लिम लीग के साथ भी जा सकते थे और फिर ना तो मुसलमानों कि अवाज़ को दबाया जा सकता था और ना मुसलमानों को सियासी मोहरा बनाया जा सकता था क्योकि मुसलमानों के पास उनकी रहनुमाई करने के लिए एक सियासी पार्टी मोजूद होती लेकिन कांग्रेस की चाले जिन्ना को भड़काने में कामयाब हुयी और जिन्ना ने अपने हट के आगे बेहिसाब लोगो को कटवा दिया लेकिन हिन्दुस्तान को अपनी माँ मानने वाले मुसलमानों ने जिन्ना का साथ ना दिया और कांग्रेस के साथ चले गये इस मिटटी में हमारा खून शामिल था हमने आजादी के लिए अपने खून को पानी की तरह बहाया था और इस तरह देश के टुकड़े ही मुसलमानों को कमज़ोर करने के लिए करवाए गए थे और फिर अपने मकसद में कामयाब होते हुए हिनुस्तान में मुसलमनो के रहनुमा कांग्रेस बन गयी और कांग्रेस ने हिंदुस्तान पर अपना परचम फेहरा दिया और लगभग ४ दशको तक कांग्रेस के शासन का दबदबा रहा..
फिर कांग्रेस की तानाशाही से परेशां मुसलमानों ने दूसरी पार्टियों की तरफ भी रुख किया लेकिन मुसलमानों की सियासी हेसियत इतनी कमज़ोर हो चुकी थी की वो एक फूटबाल की तरह हो गयी एक पार्टी से लात खाकर दुसरे के पास जाना मुसलमानों की मज़बूरी बन गयी और सभी पार्टियों मुसलमानों को अपने फायेदे के लिए अपने पैरो से घुमाती रही..
ये वही मुसलमान था जो कभी हिन्दुस्तान का बादशाह था
इसके बाद अडवानी ने रथ यात्रा निकाल कर पहले से ही टूट चुके और घुटनों के बल hath जोड़ कर बेठे मुसलमानों को दुश्मन करार देते हुए मुसलमानों के खिलाफ एकजुटता का आवाहन करते हुए सत्ता तक पहुचने के लिए शोर्टकट हासिल कर लिया कांगेरसी शासन के वक़्त में मुसलमानों का आर्थिक और सामाजिक दमन किया जा चूका था और सियासी पार्टियों के मोहताज मुस्लमान बाबरी मस्जिद की शहादत तक सब समझ गये लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मुसलामन हिंदुत्वा नाम के आतंक से बचने के लिए सियासी पार्टियों के पीछे दुबकने लगे और वोट बैंक बनते रहे जिसका दिल चाह कुछ मुसलमानों को ख़रीदा और मुसलमानों का रहनुमा साबित कर दिया फिर सभी लोग मलाई खाते रहे और जिस बीजेपी को मुस्लिम हारे हुआ देखना चाहते थे ये लोग उसी बीजेपी से हाथ मिलाते रहे...
मुस्लमान कटोरा लेकर सभी सियासी पार्टियों से अपने वजूद के लिए भीख मांगता रहा किसी ने इतना भी ना दिया जो कोम फिर कड़ी हो पाती गरीबी से बुख्मारी तक पहुची मुस्लिम कोम अपने बच्चो का पेट भरने के लिए रिक्शा चलाने, चाय बेचने, झुतन साफ़ करने लगी या फिर तलवे चाटने वाला गुलाम बन गयी..
और २००२ में गुजरात में जो कुछ मुसलमानों के साथ हुआ सारे देश ने देखा लेकिन मुसलमानों की हिफाज़त करने के लिए कोई नही आया मुसलमानों की लडकियों को नंगा करके नचाया गया सब देखते रहे नुसलमन लडकियों को हवस का शिकार उनके बाप और भाई की आँखों के सामने बनाया गया और जब लड़की मर गयी तो इन दरिंदो में से कुछ ने नंगे बदन पर चादर दाल दी और मुसलमानों का रहनुमा बन गया हमारा घर जलाया गया, हमे लूटा गया, बेआबरू हम हुए, बेघर हम हुए, यतीम हम बने, और इसके बाद क्या क्या हुआ सब जानते हैं लेकिन आँखे बंद किये हुए है..
1-जो कांग्रेस अपने सांसद अहसान जाफरी को ना बचा सकी वो तुम्हारी हिफाज़त क्या करेगी..??
2-वो मायावती जो दंगो के बाद मोदी का साथ देने गयी थी क्या वो तुम्हारी हो सकती हे..??
3-वो मुलायम सिंह जो चंद वोटो की खातिर बाबरी मस्जिद के गुनाहगार को अपने साथ ले आया क्या वो तुम्हारा रहनुमा हे..??
4-जवाब दो क्यों देश में गुलामो से बुरि ज़िन्दगी जी रहे हो..??
5-कब तक उस कांग्रेस को अपना रहनुमा समझोगे जो बीजेपी की तरह ही तुम्हारी दुशमन हे..??
6-कब तक अपनी इज्ज़त को बेचते रहोगे खुदा को क्या जवाब दोगे मैदाने हश्र में..????
7-2% की गिनती रखने वाले सीखो का पिरधानमंत्री हे आज और तुम लगभग १८% हो तुम क्यों नही बना सकते अपना पिरधानमंत्री..??
8-कांग्रेस का युवराज राहुल गांधी मंच पर खड़े होकर कहता हे की जब मुसलमानों में कोई इस काबिल हुआ तो वो भी पिरधानमंत्री बन जायेगा मैं पूछता सभी मुसलमानों से क्या २० करोर में कोई खुद को इस काबिल नही मानता जो देश चला सके..??
9-तुम जितने भी मुस्लमान मेरी बात सुन रहे हो सब खुद को इस काबिल मानते हो तो बोलते क्यों नही..??
10-अपना हक मांगते क्यों नही..??
11-एकजुट होकर आते क्यों नही..??
कब तक ऐसे शर्मसार होते रहोगे तुम लोग अब उठो और एक दुसरे का हाथ पकड़ कर इतनी बुलंद आवाज़ ने नारा दो ताकि अब तक मुसलमानों को मोहरा बनाने वालो के क़दमो की ज़मीन हिल जाये
हिन्दुस्तान के बादशाह हम थे हमने अपना खून देकर देश की हिफाज़त की हे छोटे छोटे टुकडो में बटे देश को हमने अखंड भारत बनाया था लेकिन आज हमे विदेशी कहा जाता हे देशद्रोही माना जाता हे और वो लोग जो आजादी की लडाई में फिरंगियों के साथी थे आज सबसे बड़े देशभक्त कहलाते हे हमारी क़ुरबानी को इतिहास से हटा कर कूड़े के ढेर पर फेक दिया हे हमारी देश के लिए दी गयी कुर्बानी को ऐसे ही जला दिया गया हे जेसे दंगो में हमे जिंदा जलाया जाता हे और अगर तुम अब भी न जागे तो तुम्हारे बच्चो को अमन का हिन्दुस्तान न मिल सकेगा............jay hind
inqlaab zindabad
Jai Hind...Jai Bharat...
जवाब देंहटाएंye baat apne thik kahi bhai,main ek dalit hoon aur jo dharm ke naam par ap logo ke sath bhedbhav hota h vahi bhedbhav cast ke naam par humare sath bhi hota h.apne haq ke liye hume khud hi ladna hoga.hume apne logo ko is baare me adhik se adhik shikshit karna hoga aur sabhi ko ek dusre ka hath pakdkar chalna padega.
जवाब देंहटाएंhum is disha me kaafi had tak kamyaab bhi ho rhe hain.pichli baar ek muslim india ke president the aur ab ek muslim india ke uprastarpati hain.dalit log bhi kaafi badi badi post par hain.hume bas aise hi chalte jana h.
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