मंगलवार, 18 अक्टूबर 2011

अगर ये मुस्लमान होते तो....????

 भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा के रीवा से निकलने के बाद पुलिस ने वहां से बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए हैं। ये विस्फोटक 12 अक्टूबर को यूरिया खाद के नाम पर वहां रखे गए थे और इसके अगले दिन आडवाणी रीवा पहुंचे थे। मामले का मुख्य आरोपी फरार है।
रीवा पुलिस के एक हवलदार को ये सूचना मिली थी कि गंगोत्री कालोनी स्थित अनुज प्रताप सिंह के घर में विस्फोटक रखे हैं। पुलिस ने जब यहां छापा मारा तो यहां 14 बोरी चाइना कार्ड , ढाई बोरी डेटोनेटर, तीन कार्टून जिलेटिन रॉड बरामद हुई। वहां से पकड़े गए मनोज कौल नामक युवक ने पूछताछ में बताया कि उसकी इंडिका कार भी कुछ दूरी पर खड़ी है। बिना नंबर की इस कार की तलाशी की गई तो उसमें से पांच हजार डेटोनेटर और प्राइमर कार्ड बरामद हुए।
मनोज ने पुलिस को बताया कि ये विस्फोटक राजेश पटेल लाया था, वह उसका ड्राइवर है। राजेश ने 12 अक्टूबर को अनुज प्रताप सिंह का मकान किराए पर लिया था और उसी दिन ये विस्फोटक वहां रखे थे। मामले में राजेश, मनोज और अनुज पर विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। डीआइजी केपी खरे के अनुसार राजेश पटेल की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा कि विस्फोटक कहां से और किस मकसद से लाया गया था।
सौ मीटर दूर ही रुका था रथ
13 अक्टूबर को जब आडवाणी की रथ यात्रा रीवा आई तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने गंगोत्री कालोनी के सामने ही रथ को रोका था। विस्फोटक जिस स्थान से पकड़े गए, वह इससे मात्र सौ मीटर की दूरी पर है।
क्या है चाइना कार्ड
चाइना कार्ड, जिलेटिन रॉड और डेटोनेटर के संयोग से विस्फोट किया जाता है। पुलिस को आशंका है कि ये विस्फोटक नक्सलियों के लिए आया था या विंध्य के खदान माफिया ने अवैध रूप से मंगवाए थे।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/madhyapradesh/4_7_8365046.html

इस खबर को अखबारों ने छोटा सा कोना दिया या दिया ही नही लेकिन अगर ये काम किसी मुस्लमान का होता तो अखबारों में पहले पेज पर बड़ी बड़ी हेडिंग होती की ..........

एक बड़ी साजिश नाकाम भरी मात्रा में गोला बारूद और हथियारों का ज़खीरा बरामद दो आतंकवादी गिरफ्तार एक फरार...
इंडियन मुजाहिदीन के आतंवादी गिरफ्तार बड़ी साजिश का पर्दा फाश....

एक बड़ा हमला विफल दो आतंकी गिरफ्तार सिमी से तार जुड़े होने की आशंका पुलिस ने छापा मार कर ८ आतंवादियों को गिरफ्तार किया आजमगढ़ से तार जुड़े होने की आशंका ....

वेसे मुझे लगता हे पुलिस ने इन्हें गलती से गिरफ्तार कर लिया ये तो देश भक्त लोग थे क्योकि ये भगवा आतंकवादी ओह नही देश भक्त लोग नफरत फैला कर हिंसा और मारकाट और देश विरोधी काम करके देश को तोड़ने का काम करते हैं लेकिन फिर भी हैं देश भक्त ही कहे जाते हैं ये आतंकवदी लेकिन  ये भेदभाव के संकेत देश हित में नही हे क्योकि ये विस्फोटक बोम्ब ब्लास्ट करने के लिए ही लाया गया था और इसके बाद आरोप मुसलमानों पर लगाने की तेयारी थी जेसा हमेशा होता रहा हे और इस तरह की साजिशो को अमलीजामा पहनाने का काम RSS और सरकार मिल कर करते हैं अगर आज देश प्रिमि चुप रहे तो कल देश जला देंगे ये देश के दुश्मन भगवाधारी आतंकी
जागो भारत जागो
inqlaab zindabad

15 टिप्‍पणियां:

  1. Aftab BAhut Umda likha hai..... Ye ek tamach ahai dharm ke thekedaaron par jo hiundu Musalman krte phirte hai.

    Shayaad ab baat samajh me aa jaye ki Atankvadi ka koi Mazhab nhi hota......

    Ghaddar toh Ghaddar hai. Sarkaar aisi hi hai. Sirf vote ki rajneeti hai. HInduo ko kuch nhi kahenge kyonki 80% vote hindu ke honge,,,, Musalmaano ke paas jakar bhadkaayenge kyonki 20% vote hai aur ye dikhana hai ki ye sabhi ke liye same hai.... Gujarat me dange krayenge aur Mukhyamantri ban jaayenge... Marega kaun koi hindu, koi Musalman, Koi Dhimka..... In kameeno ka koi saga nhi mrta... Mrta hai bhi toh sirf rajneeti ki chaal hai.....

    Jai Hind Vande matram.....

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    1. अगर हम मिल कर चले तो रोक सकेंगे इन नफरत फेलाने वालो का रास्ता साथ देने के लिए आपका आभारी हु

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  2. Aftab bhai is article ko maine apne facebook par bhi copy kar liya hai...... Shams Tamanna

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  3. agar ye musalmaan hote to is visfotak se kahin bada dhamaka ho chuka hota aur bhagva se itni nafrat mat karo bhai jahan ye material pakda gaya hai vahan bhagvadhariyon ki hi sarkar hai. aur vo chahti to ise chhupa bhi sakti thi aur har bhgvadhari aise kisi bhi karya ka bharpur virodh karta hai. agar RSS aise logon ko samarthan deta to abhi tak desh tabah ho chuka hota. aur sava arab ka bharat desh sabse bada terrorist exporter hota par aisa nahi hai ye bhagva ki mahanta hai ki iska credit abhi tak sari muslim countries ke pass hi hai.. aur haan aapne likha hai ki hindustani muslamaan hona aapke liye garv ki baat hai to Bhai mere nafarat failane vala nahi bhaichara badhane vala lekh likhen.

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  4. Mr. Aftab jo aap ne likha hai aksar yahi ho raha hai is Hindustan me.Kuch log yaha tak ki media aur government bhi milkar muslims ko badnam kar rahi hai..Tererist ka koi religion nahi hota..bahut hi umda likha hai aap ne...Hats off to you..

    MAK

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  5. @ मुकेश मिश्रा, अगर मगर की क्यों बात कर रहे हो अगर मगर की बात तो संघी आतंकवादी करतें हैं, आफताब भाई ने जो देखा वो लिखा है, अब ये मत कहना के ये झूठी समाचार है, और दूसरी बात आप ने कहा के वह पर भगवाधारी की सरकार है, बिल्कुल सही और यही कारण है, संघी वहाँ पर इशाई मिशनरियों में जा कर बलात्कार किया था और ये भगवाधारी सरकार ने उन्हें इनाम से नवाजा था. धन्य हैं आपकी भगवा आतंकवादी और धन्य है आपकी भगवाधारी सरकार
    //Mukesh Mishra said...
    bhagva se itni nafrat mat karo bhai jahan ye material pakda gaya hai vahan bhagvadhariyon ki hi sarkar hai. aur vo chahti to ise chhupa bhi sakti thi//

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  6. agar koi musalman hota to sale 14 din tak iss bat ko phetthe.........
    thanks for give this information

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  7. @Ali Sohrab. sorry for late reply... Hindusatan me Bhagvadhari powerful hain aur tadat me jyada hain isliye hi muslim surakshit hain varna muslim deshon ka haal dekho na to siya mulk me sunni surkshit hain na sunni mulk me siya. istarah ke lekh likhkar aur aise comment dekar aap log naram aur secular hinduvon ko bhi kattar bana doge jo shayad na to aapki kaum ke liye sahi hoga na hi hamare desh ke liye.

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    1. शुक्रिया शम्स भाई इन लोगो की हकीक़त जादा से जादा लोगो तक पहुचनी चाहिए ताकि ये हमारे हिन्दू भईय्यों को गुमराह न कर सके

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  8. Aise jahgdo me padhene se behter yeh hai ke pehle hum yeh jaan le ke hum sab hindustani hai agar hum mein hi aise jhagde honge to china aur pakistan jaise desh is ka faida utha lete hai...

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  9. Jo bhi atankwadi kaam karta hai wo kisi dharm se joda huwa nahi hota chahe wo muslim ho ya hindu... Aur hamara islam kisi ko bila wajah khatam karne ki ijazat nahi deta... Islam is peace....

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  10. इस्लाम समर्थक हिन्दू आचार्य ?

    आजकल प्रचार का जमाना है .और लोग अपना प्रचार करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं .इसीलिए कुछ मुस्लिम ब्लोगरों ने इस्लाम का प्रचार करने के लिए यही तरकीब अपना रखी है .सब जानते हैं कि अधिकांश हिन्दू संगठन और संस्थाए भी दोगली विचारधारा रखती हैं .और कुछ तथाकथित स्यंभू आचार्य ,और पंडित अपना धर्म बेच चुके है ,और इस्लाम का प्रचार कर रहे है .कुछ दिनों पूर्व " सनातन धर्म इस्लाम " (http://sanatan-dharm-islam.blogspot.com/)के नाम से एक ब्लॉग नजर में आया ,जिसमे किसी अहमद पंडित और किसी लक्ष्मी शंकर आचार्य के साथ कुछ अन्य हिन्दू लेखकों ने मिलकरयह सिद्ध करने का प्रयास किया है ,कि इस्लाम एक उदार धर्म है ,इसमें जबरदस्ती नहीं है .यह हरेक व्यक्ति को अपना धर्म पालन करने की अनुमति देता है .इस्लाम की नजर में सभी मनुष्य समान हैं .इस्लाम लोगों में सद्भावना फैलाना चाहता है .आदि ,इन्हीं बातों प्रमाणित करने के लिए इस ब्लॉग में कुरान शरीफ की कुछ आयतें और विडिओ भी दिए गए है .यहाँ पर ब्लॉग में किये गए दावों की दुर्भावना रहित समीक्षा दी जा रही है ,ताकि उन हिन्दू विद्वानों को सटीक उत्तर दिया जा सके .और सत्यासत्य का निर्णय हो सके .देखिये -
    1 - इस्लाम का अर्थ शांति नहीं है .
    अभी तक लोग इसी भ्रम में पड़े हुए हैं ,कि इस्लाम का अर्थ शांति है .और इसलिए इस्लाम शांति का धर्म है .लेकिन इस्लाम का वास्तविक अर्थ शांति नहीं बल्कि समर्पण है ."Islam" does not mean "peace" but "submission"जैसा कि कहा जाता है ("السلام" ولكن "تقديم"استسلاما )इस्लाम शब्द अरबी के तीन अक्षरों (root sīn-lām-mīm (SLM [ س ل م ) से बना है .और कुरान में कई जगह इस्लाम का अर्थ समर्पण ही किया गया है ,सूरा तौबा 9 :29 में इसका अर्थ-
    To surrender -اسلام=Submission बताया है .इसी तरह सूरा आले इमरान 3 :83 में इसका अर्थ अल्लाह का धर्म और सूरा आले इमरान 3 :19 में भी वही अर्थ"islam is surrender to allah 's will استسلاما=To surrender " दिया है .इस्लाम का अर्थ शांति फैलाना कदापि नहीं है .इस शब्द का प्रयोग लोगों को धमकी देकर आत्मसमर्पण (surrender ) करने के लिए किया जाता रहा है ,जो इन हदीसों से सिद्ध होता है .

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  11. 2 -इस्लाम में जबरदस्ती नहीं है
    इन इस्लाम परस्त पंडितों ने जकारिया नायक के सामने मुस्लिमों को खुश करने के लिए यह कह दिया कि इस्लाम में किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं है ,और सबको अपना धर्म पालने की आजादी है .इसके लिए इन लोगों ने कुरान की इन आयतों का हवाला दिया है -
    अ -"दीन (इस्लाम ( में कोई जबरदस्ती नहीं है " सूरा -बकरा 2 :256
    ब-"तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन और हमारे लिए हमारा दीन "सूरा -काफिरून 109 :6
    बहुत कम लोग यह जानते हैं कि कुरान की सूरतें और आयते घटनाक्रम के अनुसार ( according revelation ) नहीं है .इसलिए इनका सही तात्पर्य और अर्थ समझने के लिए हदीसों का सहारा लेना जरुरी है .पहली आयत 2 :256 यहूदियों से सम्बंधित है .हदीस में कहा है ,
    "अब्दुल्ला इब्न अब्बास ने कहा कि इस्लाम से पहले जिन औरतों के बच्चे नहीं होते थे ,या बार बार मर जाते थे ,वह यहूदियों के मंदिर में जाकर रब्बी के सामने यह मन्नत मांगती थीं ,कि अगर मुझे बच्चा होगा ,या मेरी संतान जीवित रहेगी तो उसे मैं यहूदी बनाकर तुम्हारे हवाले कर दूंगी . मक्का में ऐसे बहुत से बच्चे यहूदियों के पास थे . जब इस्लाम आया तो रसूल ने उन सभी बच्चों को यहूदियों से मुक्त कराया और कहा कि " दीन ( मान्यता ) में कोई जबरदस्ती नहीं है "
    अबू दाउद-किताब 14 हदीस 2676
    इसी तरह दूसरी आयत 109 :6 का जवाब उसी सूरा में मिल जाता है ,जिसमे कहा है कि "हे काफिरों मैं उसकी इबादत नहीं करूँगा ,तुम जिसकी इबादत करते हो
    " सूरा -काफिरून 109 :4 .इसी बात को और स्पष्ट करने के लिए कुरान की इस आयत को पढ़िए जो कहती है कि,
    "और जो लोग इस सच्चे दीन (इस्लाम )को अपना दीन नहीं मानते ,तुम उनसे लड़ो ,यहाँ तक वह अपमानित और विवश होकर जजिया न देने लगें "
    सूरा- तौबा 9 :29
    अब कोई कैसे मान सकता है ,कि इस्लाम बलपूर्वक नहीं फैलाया गया ,और सबको अपने धर्मों के पालन करने की अनुमति देता है ?

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