मंगलवार, 31 जनवरी 2012

हां मैं भी हिन्दू हूं - आफताब फाजिल

मैं itimes.com/aftabfazil/blogs पर नियमित अपने लेख लिखता रहा हु और अपने अनुभव अपने सत्यो के साथ बाटता रहा हु वर्ष 2010 nov. की बात हे मेरे एक साथी Updesh awasthee ने एक पोस्ट की थी जो धार्मिक भावनाओ को भड़काने वाली थी जिस पर मेने एक कमेन्ट किया था उनके बाद मेरे उन साथी ने मेरी बात से सहमत होते हुए ये ब्लॉग लिखा था जो आपके सामने उस पर आये कमेन्ट के साथ हे आज आप सभी साथियों के सामने रख रह हु ...


दिल्ली के युवा आफताब फाजिल ने मेरे ब्लॉग (ताजमहल: एक छुपा हुआ सत्य) पर प्रतिक्रिया के दौरान लिखा है कि हां, मैं भी हिन्दू हूं. अपनी प्रोफाइल में देश के दुश्मनों के खिलाफ जंग का ऐलान करने और भारतवासियों का साथ मांगने के लिए आईटाइम्स पर आए आफताब का कहना है कि जब हम इस्लाम को मानने वाले किसी बहस में भाग लेते हैं तो विवाद खड़ा हो जाता है. लोग उन्हें भारतीय से ज्यादा मुसलमान मानते हैं, जबकि लाखों मुसलमानों के लिए हिन्दुस्तानी होना गर्व की बात है. आफताब लिखते हैं कि-

आपका ताजमहल का ब्लॉग पड़ा था उससे भी बहुत पहले नेट पर उसे पद भी चूका हु और जवाब भी दे चूका हु लेकिन मेने आपके ब्लॉग पर कुछ इसलिए नही लिखा क्योकि  कुछ लोग मुझे हिन्दुस्तानी नही सिर्फ मुस्लिम समझते हे इसलिए मेरी बात को विवाद का रूप दे दिया जाता ऐसे बहुत से ब्लॉग इधर लिखे जाते हे जिनके बारे में मुझे लिखना ज़रूरी होता हे लेकिन जो भेदभाव हे लोग धर्मो को देखते हे देश को नही उन्हें मेरी बात से परे सहनी हो जाती हे इसलिए मेने उन मुद्दों पर अपने विचार रखना बंद कर दिया हे आप एक युवा पतरकार हे और देश का भविष्य युवा लोगो को देखना हे इसलिए देश में धार्मिक मुद्दों को कोई जगह नही मिलनी चाहिए ये मुद्दे सम्पर्दायिकता को जन्म देते हे राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद मुद्दा देश को कितना तोड़ दिया इस मुद्दे ने कितनी दूरिय बना दी दो भैय्यो में कितना खून बहा कितना ज़ुल्म हुआ कितनी राजनितिक रोटिय सिकी कितनो को सत्ता का शोर्ट कट मिला ये एक पतरकार से जादा कोण जानता होगा फिर एक मुद्दा जन्म लेना चाहता हे फिर दुरी बाद सकती हे मुद्दे देश के लिए बहुत से हे जो देश की उन्नति के लिए सामने आने चाहिए मेने कुछ गलत नही लिखा फिर भी मेरी लिखी बात का विरोध होगा आपसे सिर्फ इतनी विनती हे की जो कुछ भी लिखे उसे देशप्रेम से ऊपर ना जाने दें
हिन्दू शब्द के बारे में अपनी बात रखना चाहता हु जो लोग हिन्दुसत्न में रहते है वो सभी हिन्दू ही हे मैं भी हिन्दू हु आप भी हिन्दू हैं वो अलग बात हे की आप वेदिक्धर्म या सनातन धर्म को मानते हे और मैं इस्लाम को हिन्दू किसी धर्म का नही संसकिरती का नाम हे देश के लिए ज़रूरी मुद्दे पर मेरे लिखे ब्लॉग पर आप सभी के विचार आमंत्रित हे.

क्या आपको नहीं लगता कि आफताब की बात में दम है. हम पाकिस्तान के खिलाफ बात करें यहां तक तो ठीक है लेकिन अपने ही घर में मौजूद दूसरे बेटे को इसलिए तो दुश्मन की नजर से नहीं देखा जा सकता क्योंकि वह मुसलमान है. मैं आफताब से सहमत हूं कि हम दोनों हिन्दू हैं क्योंकि हम हिन्दुस्तान में रहते हैं. यह बात अलग है कि मैं सनातन धर्म को मानता हूं और आफताब इस्लाम को.

आफताब की प्रोफाइल देखें http://www.itimes.com/aftabfazil?tab_type=profile

आफताब का ब्लॉग पढ़ें http://www.itimes.com/users/aftabfazil/blogs

आफताब के विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया कृपया कमेंट बॉक्स में दें
Posted by Updesh awasthee in General on Sun, 28 Nov, 2010 | Views (252)

Aftab Fazil: शुक्रिया अवदेश जी
जब कोई भाई अपने भाई को बहुत दिन बाद अपना कहता हे और गले लगता हे तो दिल को बहुत सुकून मिलता हे 
Posted on Sun, 28 Nov, 2010Delete

Updesh Awasthee: आफताब भाई, हम पचास करोड़ जिन्हें लोग शत प्रतिशत शुद्ध हिन्दू कहते हैं, हमेशा से ही इस्लाम धर्म और उसके अनुयायियों का सम्मान करते आए हैं. कुछ डेढ़ दो लाख लोग हैं जो अपनी दुकान जमाए रखने के लिए कट्टरवादी बातें करते हैँ. दुखद तो यह भी है कि पचास-साठ हजार मुसलमान भी कट्टरवादी हैं. हमें मिलकर इन दो-ढाई लाख लोगों से निपटना होगा. माहौल बनने लगा है. इंशाअल्लाह जश्र हम मनाएंगे और वो मातम.
Posted on Sun, 28 Nov, 2010


Aftab Fazil: उपदेश जी आपने सही कहा हे दोनों तरफ कुछ लोग हे जो नफरत सिखाते हे और ये जातर तो राजनितिक हे और सिर्फ कुछ लोग ऐसे हे जो इनके बहकावे में आकर ऐसा बोलते हे और नफरत सिखाने पर लगे हे इन लोगो में और दुश्मन देश के आतंकवादियों में कोई फर्क नही हे न ये लोग हिन्दू हे न मुस्लिम बल्कि मुझे तो इन्सान ही नही लगते 
Posted on Sun, 28 Nov, 2010Delete Updesh Awasthee:

P M Lakhotia: बातों में तो बहुत दम है मगर कुछ थोड़े से लोग हैं जिनकी समझ कम है.
उपदेश वही दिया करते हैं जिनकी आस्था में अब भी भ्रम है.
मैंने हरदम माना है कि वे ईश्वर या खुदा या God के भक्त हो ही नहीं सकते जो बाहरी पहचान में विभक्त हैं.
विचारों में उलझ कर हम मन से टूटें - यह तो उचित नहीं है. कृपया मेरा नया ब्लॉग "विवादों की संस्कृति में खंडित होता अपनत्व" पढ़ें. हमें मिल कर रहना है और वास्तविक "हिंदुस्तान" जिसे हम "भारत" कहते हैं, बनाना है.
मैं आप दोनों की बात से सहमत हूँ. 
Posted on Sun, 28 Nov, 2010

Mohan Arora: Har woh aadmi , chahe woh hindu ho , chahe woh muslim ho , chahe woh sikh ho , chahe woh chirstian ho ,ya phir kisi aur dharam ka aadmi ho , agar woh hindustan mein rehta he toh woh hindustani hi kehlayega , woh hindu hi kehlayega..........Updesh ji , main aapki aur Aftab ki dono ki baton se sehmat hun .
Posted on Sun, 28 Nov, 2010

Dr Anil Kumar Jain: Awasthi ji aap aur Aftab badhaee ke patra hai....aap dono ne hindu muslim ke beech bhed paida karne walo ko theek hi nasihat di hai ki rashtra ke vyapak hit mein eisa na karey
Posted on Sun, 28 Nov, 2010 Mohan Arora:

Mohit Tyagi: HINDU matlab Himalaya aur INDU sarover (Hind Mahasagar) ke beech me rahne wale sab Hindu hain........
religion (Panth) chahe kuchh bhi ho........sanskriti se to Hindu hi rahenge aur rahna bhi chahiye..........
Posted on Sun, 28 Nov, 2010

J Dang: आज के युवकों में बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिलता है जो भी भारत में रहता है वो पहले भारतीय है .....बहुत अछे विचारों से युक्त ब्लॉग पढकर बहुत ख़ुशी हुई आफताब बधाई के पात्र हैं I
Posted on Sun, 28 Nov, 2010

Omprakash Bhatnaga..: उपदेश Tजी -- परिचर्चा के लिए बधाई / आप के मेसेज पर आप को भेजी गयी मेरी प्रतिक्रया को आप आफ़ताब भाई की तरह से ही प्रकाशित कर देते तो मेरे विचारों से भी अवगत हुआ जासकता था और विषय को कहीं अधिक बल मिलता / यह निर्विवाद सत्य है की हिन्दुस्तान का हर वाशिंदा पहले हिन्दुस्तानी है बाद में हिन्दू, मुस्लिम या अन्य कोई धर्वालाम्बी / और हर किसी को चाहे मैं हूँ या कोई और इसे भली भाँती समझना चाहिए / पर बात जब khatktii है जब कोई हिन्दुस्तानी होकर उस की आड़ में धर्म का कार्ड खेलने लगता है / और स्वस्थ्य रूप से इंगित करने पर अपनी गलत बात को कुतर्क कर सही ठहराने की गलत कवायद कर बवाल खड़ाकर देता है / मैं आप से तथा अन्यों से जानना चाहता हूँ की कोई इमाम बुखारी और पुरूस्कार प्राप्त अरुंधती को हिन्दुस्तानी कहने से पह्रेज़ कर सकता है ? क्या येहिंदुस्तनी नहीं हैं ? फिर क्यों इनकी भर्त्सना की जारही है ? क्या इन का कोई धर्म नहीं है ? क्या इन के धर्म के सभी लोग गलत हैं ? क्या इन का कार्य सही है ? क्या हिन्दुस्तान का संविधान में बोलने की स्वतंत्रता नहीं है? फिर कयों अदालत ने इनके बोलने पर --२-
Posted on Sun, 28 Nov, 2010

Omprakash Bhatnaga..: टिपण्णी की है की बोलने की स्वतंत्रता का यह मतलब नहीं है की किछ भी बोला जाए / क्या यूनिवर्सिटी के प्रोफ्रेसर अफज़ल गुरु एक भारतीय मुस्लिम नहीं है ? क्या वे नादान और अपने कृत्यों से अनजान भोले भाले व्यक्ती हैं ,एक मुस्लिम हिन्दुस्तानी होने के कारण आप लोग उन से सुहानुभूतिक्यों नहीं रखते ? क्या आपको नहीं लगता कि अफज़ल गुरु की बात में दम है. हम पाकिस्तान के खिलाफ बात करें यहां तक तो ठीक है लेकिन अपने ही घर में मौजूद दूसरे बेटे को इसलिए तो दुश्मन की नजर से नहीं देखा जा सकता क्योंकि वह मुसलमान है. हम दोनों हिन्दू हैं क्योंकि हम हिन्दुस्तान में रहते हैं. यह बात अलग है कि मैं सनातन धर्म को मानता हूं औरअफज़ल गुरु इस्लाम को/ (उन के द्वारा किये गए अपराध के पहले समय में सोचें ) आप को आप का चाहा समाधान शायद मिल जाए ./आफताब भाई के विचारों की एक हिन्दुस्तानी भाई होने के नाते मैं बहुत इज्ज़त करता हूँ / यदि कोई बात इ सहमती नहीं होती है तो एक भाई के नाते इंगित करना अपना फ़र्ज़ समझता हूँ --३-
Posted on Sun, 28 Nov, 2010

Nani Manna: All the people, irrespective of their religion(faith), language or culture, who live in India or Bharat or Hindustan are Indian or Bharatiya or Hindustani(Hinduism has nothing to do with it). We are Indians first & will remain Indians till we breath our last.
@O.P.ji. Anyone, whether he is a Hindu or a Muslim, if tries to create unrest by his acts or words & tries to disturb the peace of the country, becomes the enemy of the nation. Nobody denies that Shahi Imam or Arundhati Roy is an Indian. They have also got their Right to Freedom of speech & expression guaranteed by the Constitution of India; but they cannot misuse that right to create disaffection or incite people for secession. They are guilty of sedition & can be charged & punished by the law of the land.
Posted on Sun, 28 Nov, 2010


Omprakash Bhatnaga..: एक क्षद्म व्यक्ति "ढोलक तबलची जो की खुद को आफ्ताब का फेक आई. दी बताता था " द्वारा मेरे"' ईद"' ब्लॉग पर आफ़ताब भाई के खिलाफ मुझे भड़काने की कोशिश की गई थी यद्यपी अब उन के द्वारापने सभी कमेन्ट मिटा दिए गए हैं अतः मेरे पास सिर्फ मेरा ही कहना है कोई प्रमाण नहीं है पर उन को दिया गया उत्तर है जिए पढ़ कर सभी आप्ताब के बारे में मेरे विचार जान सकेंगे और मेरे ब्लॉग "" वन्दनीय मुफ्ती काजमी "" का अवलोकन कर मुस्लिमों के बारे में मेरी धरना सीव्गत होसकेंगे ढोलक को मेरा उत्तर था --४-
Posted on Sun, 28 Nov, 2010


Omprakash Bhatnaga..: -४- binaa kurbaanii के बकरा ईद नहीं मनायी जाती है ढोलक , रसूल ने भी दुम्मा क़ुबूल किया है भाई ,
फिर तुम इस्लाम को तोड़ -मरोड़ना क्यों चाहते हो काफिर हो क्या ? ऐसी कुफ्र की बात मुझ से मत करो नहीं तो कयामत के दिन तुम्हारा सूअर का मुंह होगा / खुदा सब देख रहा है काफिरों को जल्लाद की निगाहों से , समझे , अरे मुझ से नहीं तो मेरे खुदा से तो भय खाओ काफिर कहीं के /तुमने खुद ने अपनी खराब आदतें नहीं सुधारीं है फर्जी बाबा असीमानंद की तरह और मेरे भाई आफताब की बुराई करता है , पर्दा कर के कमीने मेरे भाई आफताब का खाता है और उसी को बुरा कहता है / वो एक देशभक्त है ,कमीने खबरदार जो मेरे उस शरीफ भाई की बुराई की तो तेरी खैर नहीं , ढोलक और टेबल दोनों में से खींच लाऊंगा तुझे सूअर /मेरे भाई की बुराई मेरे से ही करता है / तुझे कोई पी.एम .yaa dubey, paandey ,sabharvaal jaisaa कोई नहीं milaa मेरे भाई की बुराई karne को /खबीस कहीं का /अल्ला तुझ पे गारत डालेगा
Posted on Sun, 28 Nov, 2010


Omprakash Bhatnaga..: उपदेश जी -- आफताब के विचारों पर कमेन्ट बॉक्स में आपने प्रतिक्रया चाही है वो पूर्ण खुलासे में प्रस्तुत है / कृपया मेरे ईद वाले ब्लॉग और "वन्दनीय मुफ्ती काज़मी का अवलोकन भी करें मुझे आशा है की आप संतुष्ट होकर पत्रकार के नाते एक अनुकरणीय ब्लॉग फिर लिखेंगे / धन्यवाद
Posted on Sun, 28 Nov, 2010

Rarajan Pit: Adar.Sirji
bahut sahi aur satik bhi parr ek sach kehna aur karna aur samajna yeh tin baate tin raho par le jatii hai agar sahi mai aise hi samaj teh ek hum sabb ek hai then its the best but sad kehna aur karna do alag baate hai i agree with you all.
thnx
Posted on Mon, 29 Nov, 2010


Yogeshwar Dubey: >> आदरणीय,

भारतीय मुस्लिम विश्व के अन्य मुस्लिमों से इतने अलग हैं
और उनमें भारतीयता इतनी ज्यादा भरी हुई है
कि उन्हें आम-मुस्लिम समझना ग़लत होगा!
उन्हें हिंदी-मुस्लिम के नाम से जाना जाना चाहिए!
Posted on Mon, 29 Nov, 2010


Anil Arya: उपदेश जी , अभी -अभी देश बाबरी मस्जिद /राम मंदिर जैसे संवेदन शील मुद्दे से उबरा है अतः गुजारिश है की किसी अन्य मुद्दे को हवा न दे ! विवादों की कोई सीमा नहीं होती अगर चर्चा ही करनी है तो देश में विकास कैसे लाये इस पर करें !
Posted on Mon, 29 Nov, 2010

Aftab Fazil: अनिल आर्य जी आपकी बात से पूरी तरह से सहमत हु एक और राजनितिक मुद्दे को जन्म को रोकना चाहिए जो इतिहास फिर न दोहराया जाये
इतना टूटे हे की चुने से बिखर जायेंगे
अब फिर ज़ख्म मिला तो कहाँ जायेंगे
Posted on Mon, 29 Nov, 2010Delete :


Aftab Fazil: देश और राजनीति की हकीकत पर आपके विचार आमंत्रित हैं
http://www.itimes.com/users/aftabfazil/blog/_360201
Posted on Mon, 29 Nov, 2010Delete Aftab Fazil:



Updesh Awasthee: कृपया अनिल आर्य जी की अपील स्वीकार करें. देश के विकास के लिए इस मुद्दे को छोड़ दें. आखिर ताजमहल है तो आपना. चलो तरक्की की बात करें. मेरा अगला ब्लॉग पड़ें.
Posted on Tue, 30 Nov, 2010








8 टिप्‍पणियां:

  1. Aftab ji agar aap secular hai to kirpya mere niche diye gaye comment ke baare mai apke vichar janne ka utsuk hu.

    Ek versh pahle Saharanpur mai ek ghetna ko samperdayik logo duara anjam diya geya tha. Jisme Muslim samaj ka ek verg, jinhe hum KADIYANI kehte hai, jo ki muslim dharm ke ketterrwad mai vishwash nahi rekhta hai, veh logo ko keterwad ke khilaf jagruk ker rahe the. jiss se chidh ker kuch samperdayik muslim vaktiyo ne unke ghar per hamla ker diya ve unki mahilayo ve pursho ko buri tarah sai pita. jisme pursho ki halat gambhir ho gai thi.

    mere anushar , bharat mai har vekti ko kuch bhi manne ka adhikar hai, ve dusro ki bhi vo jagruk ker sakta hai. Agar kuch vektiyo ko yeh legta hai ki , unhone dharm ka apman kiya hai, to ve log Kanun ka sahara le sakte the. Lakin unhone aisa na kerke , Un per arop lega ker un per janleva hamla kiya.

    Mai sirf apke vichar iss ghetna ke baare mai janna cahhta hu, agar aap secular hai. Kiya apke anusar KADIYANIYO ko khatam ker dena chahiye ya unhe apne adhikar ka use kerte huye dena chahiye.
    Waiting for reply

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    1. अगर इस तरह का कोई भी हमला किया जाता हे तो मैं उसकी निंदा करता हु लेकिन आप अपनी बात को सही साबित करने के लिए इस घटना की तफसील किसी अख़बार या समाचार के माध्यम से दीजिये...

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  2. which census counts the fundamentalists of Hinuism and Muslims. It is ridiculous to say that there are 2-3 lakhs Hindus who are fundamentalists and ONLY 50-60 thousands Muslims are fundamentalists in India.
    The entire India and Pakistan division is based on Muslim fundamentalism and there were zero Hindu fundamentalists at that time.
    Each and every Muslim says that Islam is ONLY true religion but no Hindu says that Hinduism is only True religion.

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    1. pelase imrove your knowledge RSS(terrorist org) make in 1925 for hindu rashtra.
      RSS 100 years target was hindu rashtra

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  3. वहा क्या बात है:
    जिन्दगी जब भी देगी.. वफा दे जाएगी
    दर्द भी देगी तो क्या दवा दे जाएगी..........

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  4. ये झूठा ब्लॉग मत बनाओ लोगो को तुम क्या गधा समझते हो अपनी तरह नकली हिंदू आई डी बना कर ड्रामा कर रहे हो सब पाता है और रही मुसलमानों के जुलम की बात तो क्या तुम इस बात से इनकार कर सकते हो की पाकिस्तान से आतंकवादी नहीं आते भारत में और यहाँ के मुसलमानों के घरों में जाकर वो लोग छुप कर रहते हैं यहाँ कितने ही आई अस आई के एजेंट आते हैं और यही रह जाते हैं भारत में नकली नोट चलाते हैं फिर जब पुलिस पकडेगी तो मारेगी ही बुरे काम का बुरा नतीजा और तुम्हारे जैसे लोग रोने लगते हैं हाय अल्लाह मुसलमानों को पुलिस मार रही है तुम् कभी अपने लोगो की गलतिया नहीं देखते बस उन पर होने वाले जुल्म देखते हो और रोते रहते हो तुम्हारे मदरसों को कितना दान आता है अरब देशो से फिर वो पैसा कहा जाता है कितने फक्ट्री लगी उन पैसो से कितने मुसलमानों को रोजगार मिला कुछ नहीं हुआ असलियत यही है की मुस्लमान अपनी हालत सुधारने के लिए कुछ नहीं करना चाहते बस एक ही बात रोते रहते हैं की हम पर जुल्म हो रहा है तो रोते रहो इस तरह से ही कुछ नहीं होने वाला तुम लोगो का

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    1. 1- मालेगाँव का बम विस्फोट
      लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर,

      2- अजमेर दरगाह का बम विस्फोट
      स्वामी असीमानंद , इंद्रेश कुमार (आरएसएस के वरिष्ठ नेता), देवेंद्र गुप्ता, साध्वी प्रज्ञा सिंह, सुनील जोशी, संदीप डांगे, रामचंद्र कलसांगरा उर्फ रामजी, शिवम धाक़ड, लोकेश शर्मा, समंदर , योगी आदित्यनाथ

      3- मक्का मस्जिद का बम विस्फोट
      स्वामी असीमानंद एन्ड कंपनी

      4- समझौता एक्सप्रेस का बम विस्फोट
      स्वामी असीमानंद एन्ड कंपनी

      5- नांदेड बम विस्फोट
      संघ कार्यकर्ता राजकोंडवार

      6- गोरखपुर का सिलसिलेवार बम विस्फोट
      पुलिस ने कलकत्ता के एक आफ़ताब आलम अन्सारी है, को गिरिफतार किया था बाद मे कोर्ट से बा ईज्जत रिहा हुये

      7- मुंबई ट्रेन बम विस्फोट किन लोगो का षड्यंत्र था
      आज तक सच सामने नही आया

      8- घाटकोपर में बेस्ट की बस में हुए बम विस्फोट
      आज तक सच सामने नही आया

      9- वाराणसी बम विस्फोट किन लोगो का षड्यंत्र था
      आज तक सच सामने नही आया

      10- कानपुर बम विस्फोट
      बजरंग दल कार्यकर्ता , भूपेन्द्र सिंह छावड़ा और राजीव मिश्रा


      इन सभी बम विस्फोटो के पिछे कौन लोग थे और हमारी पुलिस और जाचं एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किये गये बेकसुर मुसलमान
      यह RSS के द्वारा षड्यंत्र है मुसलिम नौजवानो का कैरियर तबाह करने का
      अजमेर के ख्वाजा मो‌ईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर 2007 में हु‌ए विस्फोट में संघ के सह प्रचारक इन्द्रेश कुमार, अभिनव भारत संगठन के मुखिया स्वामी असीमानंद, जय वन्देमातरम्‌ की मुखिया साध्वी प्रज्ञा सिंह, सुनील जोशी, संदीप डांगे, राम चन्द्र कलसंगारा उर्फ़ राम जी, शिवम धाकड़, लोकेश शर्मा, समंदर और देवेन्द्र गुप्ता सहित क‌ई हिन्दुवत्व वादी संगठनों के नेता‌ओं के नाम आये हैं।

      राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जो देश में अपने को बहुसंख्यक हिन्दु‌ओं का संगठन मानता है, उसकी स्थापना 1925 में हु‌ई थी । लेकिन आज तक यह संगठन इस देश की बहुसंख्यक हिन्दू आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया है इसलि‌ए इसने अपने प्रचार तंत्र के माध्यम से दूसरे धर्मों के अनुयायियों के प्रति घृणा का उग्र प्रचार किया है और इससे अपने आनुवांशिक संगठनों के माध्यम से दंगे-फसाद करने का कार्य पूरे देश में नियोजित तरीके से किया है । अपने स्थापना काल से ही 1947 तक ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ चले आन्दोलन में संघ परिवार का को‌ई भी व्यक्ति जेल नहीं गया था और ब्रिटिश साम्राज्यवाद की समय-समय पर संघ परिवार मदद करता रहा है । संघ ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या से लेकर उड़ीसा, गुजरात, दिल्ली, यू.पी, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश में नरमेध कार्यक्रम जारी रखा है । जब इतने प्रयासों के बाद भी इस संगठन को बहुसंख्यक हिन्दू जनता का प्रतिनिधित्व नहीं मिला तो इसने आतंकवाद का ही सहारा लिया, महाराष्ट्र के नांदेड कस्बे में इसके कार्यकर्ता खतरनाक आयुध बनाते समय विस्फोट हो जाने से मारे ग‌ए । दूसरी तरफ यू.पी के कानपुर में भी बजरंग दल के कार्यकर्ता बम बनाते समय मारे ग‌ए ।

      6 अप्रैल 2006 में नांदेड में हु‌ए बम विस्फोट में 5 लोग पकड़े भी ग‌ए जब पुलिस ने आर.एस.एस के लोगों के घरों पर छापे डाले तो छापे में मुसलमानों जैसी ड्रेस, नकली दाढ़ी, बरामद हु‌ई जिसका उपयोग वे मस्जिद पर हमले करने की योजना बनाते समय करते थे । जिससे साम्प्रदायिक दंगे भड़के । नांदेड बम कांड के आरोपियों ने यह भी खुलासा किया था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्‍व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, दक्षिण भारत में आतंकी नेटवर्क बनाकर आतंकवाद का सहारा ले रहा है ।

      हिन्दू व हिन्दुत्व आतंकवाद ने देश को गृह युद्ध में झोंकने के लि‌ए आर.एस.एस के इन्द्रेश ने मोहन राव भागवत की हत्या का षड्‌यंत्र रचकर पूरे देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी दुष्प्रचार के तहत ( यदि षड्‌यंत्र कामयाब हो जाता ) पूरे देश में अल्पसंख्यकों के विनाश की तैयारी कर ली गयी थी । मालेगांव बम विस्फोट के आरोपियों के बयानों में यह भी आया है कि आर.एस.एस के उच्च पदस्थ अधिकारी इन्द्रेश ने पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आई.एस.आई से तीन करोड़ रुपये लिए थे । पाकिस्तान की कुख्यात खूफिया एजेंसी आई.एस.आई को एक समय में भारत विरोधी कार्यों के लि‌ए सी.आई.ए ने उन्हें बाकायदा प्रशिक्षण देने के साथ आर्थिक मदद की थी । सन् 1947 में भारत ब्रिटिश साम्राज्यवाद से मुक्त हु‌आ था और दुनिया में ब्रिटिश साम्राज्यवाद कमजोर होने की वजह से अमेरिकन साम्राज्यवाद का उदय हुआ था ।

      अगर इन सभी बम विस्फोटो कि निष्पक्ष जांच बिना पछपात के करा दि जाये तो तभी तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा

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