हिन्दू राष्ट्र के सपने साकार करने के लिए मुसलमानों को बदनाम करने के लिए बम धमाके होंगे, बेगुनाह लोग मारे जायें और हम चुनाव के समय सब भूल जाये....?
और निष्पक्ष रहे संपर्दयिकता का नंगा नाच हो हजारो की तादात में क़त्ल कर दिए जाये घर जला दिए जाये ओरतो और मासूम बच्चियों की इज्ज़त लुटी जाये और वही लोग या उनके साथ देने वाले लोग वोट मांगने के लिए हमारे घर आये और हम निष्पक्ष रहे...?
क्या हे निष्पक्षता का पैमाना ...?
इस वक़्त हम जंग के मैदान में खड़े हैं अब फैसला लेने का वक़्त हे आखिर ये निष्पक्षता का ढोंग कब तक चलेगा ..?
अब हमें एक तरफ होना होगा किसी एक के हक में फैसला लेना होगा तख़्त और ताज जंगे नही होती लोकतान्त्रिक देशो में फोजी बगावत नही होती सिर्फ वोट से बदलती हैं सरकारे क्या हम ये करेंगे की निष्पक्ष रहने के लिए घर के चार आदमी चार अलग अलग पार्टियों को वोट देंगे तमाम ज़ुल्म और नाइंसाफी के हिसाब का वक़्त होता हे चुनाव सिर्फ एक राज्य नही हे उत्तर परदेश इस राज्य का फैसला पुरे देश की राजनितिक दशा बदलने की ताक़त रखता हे हमने तय किया चुनावी अजेंडा 2004 में भी और 2009 में भी संपर्दयिकता और आतकवाद के खिलाफ था फैसला हमारा और ये ही था चुनाव का अजेंडा.. 2004 का चुनाव गुजरात का जवाब था और 2009 शहीद हेमंत करकरे के खुलासो पर हमारी मुहर 2012 के चुनाव में अजेंडा हे हमारे बेगुनाह बच्चो की रिहाई और कुसुर्वारो को सजा हमें नही देखना तुम सबका चुनाव घोषणा पत्र बात करो हमारे अजेंडे की और आप लोग भी चुप मत रहिये बात कीजिये कही आने जाने का वक़्त नही हे तो फोन पर बात कीजिये वाद विवाद कीजिये सबकी अच्छाई और बुराई पर खुल कर चर्चा कीजिये किसी की नफरत या मुहब्बत में अंधे होकर एकतरफा फैसला मत कीजिये पूरी ईमानदारी के साथ सबके साथ खड़े होने क फायेदे और नुकसान सोचिये फिर कोई फैसला कीजिये हां मगर एक बात धयान में रखिये की राजनीति में कोई किसी का दोस्त नही होता इन सभी से आपका रिश्ता सिर्फ अपनी ज़रूरत का हे आज आप उनकी ज़रूरत हैं इसलिए वो हाथ फैलाये खड़े हैं क्योकि आप उनकी ज़रूरत पूरी कर सकते हैं उन्हें तख़्त और ताज दिल सकते हैं लेकिन हमे देखना ये हे की हमारी ज़रूरत कोन पूरी कर सकता हे क्यों नही हम सब मिल कर किसी एक को अपना नेता चुना लेते ऐसा क्यों नही होता चंद कौम के बिके हुए लोग हमारा सोदा कर देते हैं दर दर ले जाकर अब ख़ामोशी कब तक ....?
अब जानलेवा होती जा रही हैं ये ख़ामोशी हर बार बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड रही है हमें हमारी आने वाली नस्लों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा हे हमारे बेकसूर बच्चे जेल में ठुसे जा रहे हैं आतंकवाद का झुटा इलज़ाम लगा कर क़त्ल किये जा रहे हैं पूरी कौम के दमन पर नाजायज़ दाग लग रहा हे और हम चुप हैं ये खामोश रणनीति किस काम की ..?
ये निष्पक्षता किस काम की..?
कोई एक फैसला लीजिये हो जाने दीजिये गलती अगर गलती हुयी तो कल सुधार लेंगे आप समझते को नही हमें टुकडो में बाटने की चाल को संगठित न होने देने की चाल को..... अलग अलग राज्यों में विधान सभा में हमरा फैसला अलग अलग पार्टी के लिए हो तो फिर केंद्र में किस पार्टी को होगा ..?
हम सबको अपना बनाने की कोशिशो में लगे रहे लेकिन किसी ने हमे अपना न बनाया अगर हम किसी एक के साथ खड़े हो गये तो चाहे नतीजा जो आये हम उससे कह तो देंगे की हमने तुम्हारा साथ दिया था अब तुम हमारा साथ दो फैसला लेने के लिए नेतो के वादे पर नही धार्मिक नेताओ की पेचीदा बातो पर नही फैसला कीजिये सिर्फ पार्टी के 4-5 साल के काम पर किसने हमारे लिए क्या किया हमें देखन होगा अगले 5 सालो के लिए हमारी ज़रूरत कया हे पिछले 4-5 सालो में हमें पहले से जादा मुसीबतों का सामना करना पड़ा सम्पर्दायिक दोर से गुज़रे और आतंकवाद के दोर से भी हमने क़दम क़दम पर अपनी निष्पक्षता की सज़ा पाई हमसे मुहब्बत का दम भरने वाले हमारे साथ खड़े नही थे हमारे बेगुनाह जिलो में बंद थे उन्हें आतंकी बता कर बेइज्ज़त किया जाता रहा तब ये सामने क्यों नही आये ...? बताइए रुद्र पुर में कोन था.?
गोपालगढ़ में कोन था ..?
और माले गाव आजमगढ़ में कोन आया हमें दिलासा देने हमर साथ देने ..?
गुजरात में कोन आया हमे बचाने..?
क्या आज हमारे वोटो के सबसे बड़े हकदार बने हुए मुस्लिम पार्टियों के लीडर हमारा दुःख में हमरे साथ खड़े थे या चुनाव आते ही उन्हें कौम की याद आई ...?
क्या कौम की हिमायत में बड़ी बड़ी बाते कने वाली मुस्लिम पार्टियों के लीडर गोपालगढ़ में मिले हमारे ज़ख्मो पर मरहम लगाने गये क्या उन्होंने की हमारे साथ इंसाफ की मांग की वो गये किसी बेगुनाह जेल में बंद पड़े मुस्लिम नोजवान के घर ...?
ये बात सिर्फ मुसलामो को तय करनी होगी की वो किसके साथ जाये किसे चुने अब तक मुस्लिम वोट भाजपा को हराने के लिए डालता रहा हे लेकिन अब ज़रूरत खुद को जितने की एक बार तोडना पड़ेगा मिथक को आगे फैला उजाला इंतजार कर रहा हे और उस उजाले का फैसला आप करोगे अमन का हिंदुस्तान चाहिए अपने बच्चो के लिए या फिर सम्पर्दयिकता की जलती मशाल जो न जाने कब आपको आपके घरो में जिंदा जला देगी ....
inqlaab zindabad
special thanks to mr.Aziz burney
inqlaab zindabad
special thanks to mr.Aziz burney
Mohammad Shabaan, Uttar Pradesh Muzaffarnagar - Kairana 247774 (India) का कहना है :
जवाब देंहटाएं12 Feb, 2012 03:58 PM
A s khan, Jeddah, S.J.Akhtar, Meerut, raj, hyd & other Anti BJP writers . . नकली सेक्युलर का अंचल ओढ़े बैठे, पाकिस्तानी वफादार ३० ४० लाख लोग पार्टी कोम में बिखरे पड़े है जो झहर फैला रहे है । उन का मौत करवा दो तो कोई गुनाह नहीं होगा । इस में नवभारत टेम्स के ५० १०० स्टाफ भी शामिल होगे तो पुरे भारत को ख़ुशी होगी । इस के बाद कांग्रेस तो रहेगा नहीं तब भारत राहत का दम लेगा । कठिन है काम पर होगा जरुर उस के लिए नभाटा निश्चंत रहे । इंसान देश से बड़े थोड़े होते है । मुहम्मदी शासन की बात मा, बाप से आगे नहीं बढ़ेगी यह वादा सभी मुस्लमान युवा ने अपने आप से किया है । भगवा आतंकवाद सपना है, हकीकत नहीं जो जूठा खबर बब्लू और पिंकी (राहुल सोनिया प्रियंका) ने फैला रखा है । हर दंगे के पीछे कांग्रेस ही रहती है वो तो गुजरात दंगे और बम्बई ताज होटल की सही जानकारी से अब सब को पता चल चुकी है । हम फक्र से राष्ट्रिय हिन्दुस्तानी मुस्लिम है और काफी हद तक अब आरएसएस के चालचलन को पसंद भी करते है । , जयहो.............................................
:मुस्लिम फेमिली अन्धकार में जीवित है । अब की 80 % मुस्लिम लडकियां हिन्दू लड़को से शादी के पहले चक्कर चलाती है , जिस्माना ताल्लुकात भी टेस्ट कराती है । बाद में कोई हिन्दू नहीं मिला तो ही मुस्लिम लडके से शादी कराती है । बस उस मुस्लिम फेमिली में रिवोल्युएशन आ जाता है । बुढा ससुर , बूढी सास क्या इस्लाम को बचा पाने है । वो अपने बच्चो का नाम भी हिन्दू नाम या ख्रिस्त नाम से ही रखती है । बीस साल से ज्यादा इस्लाम मूवमेंट इंडिया में जारी नहीं रहेगा । तब राहुल प्रियंका होगे 60 साल के । क्या बेहूदा लगेगा उनका जातिवाद ये सोच कर हंसी आती है । अभी नरेंद्र मोदी की खेरात से चलते आधे से ज्यादा मस्जिद का रंग रूप भी आप सब इस्लामिस्ट सोच ले । पर वो होने जा रहा है वो मुल्क के और आबादी के लिए अच्चा ही होगा । मोहम्मद शबान, उत्तर प्रदेश मुज़फ़्फ़रनगर - कैराना 247774 (इंडिया) का कहना है : 12 फेब, 2012 03:58 पीयेम आ स ख़ान, जेद्दाह, स.ज.अख़्तर, मीरूत, राज, हयद & अदर आंटी ब्ज्प राइटर्स . . नकली सेक्युलर का अंचल ओढ़े बैठे, पाकिस्तानी वफादार ३० ४० लाख लोग पार्टी कोम में बिखरे पड़े है जो झहर फैला रहे है । उन का मौत करवा दो तो कोई गुनाह नहीं होगा । इस में नवभारत टेम्स के ५० १०० स्टाफ भी शामिल होगे तो पुरे भारत को ख़ुशी होगी । इस के बाद कांग्रेस तो रहेगा नहीं तब भारत राहत का दम लेगा । कठिन है काम पर होगा जरुर उस के लिए नभाटा निश्चंत रहे । इंसान देश से बड़े थोड़े होते है । मुहम्मदी शासन की बात मा, बाप से आगे नहीं बढ़ेगी यह वादा सभी मुस्लमान युवा ने अपने आप से किया है । भगवा आतंकवाद सपना है, हकीकत नहीं जो जूठा खबर बब्लू और पिंकी (राहुल सोनिया प्रियंका) ने फैला रखा है । हर दंगे के पीछे कांग्रेस ही रहती है वो तो गुजरात दंगे और बम्बई ताज होटल की सही जानकारी से अब सब को पता चल चुकी है । हम फक्र से राष्ट्रिय हिन्दुस्तानी मुस्लिम है और काफी हद तक अब आरएसएस के चालचलन को पसंद भी करते है । जय हो,
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